Thursday, September 25, 2008

आईपीएल के अगले संस्करण से पहले पिछले संस्करण की याद....



प्लीज़ थोड़ी देर के लिए मान लीजिए कि आप एक बेहद हाई-फाई थिएटर में बैठे हैं...फिल्म थिएटर नहीं- रंगमंच वाला थिएटर (बहुत पैसे खर्च किए है निर्देशक ने- एक एक कलाकार लाखों करोड़ो में पैसे ले रहा है, इतने पैसे में कई फिल्में बनाई जा सकती थीं- पर निर्देशक को फिल्म नहीं बनानी- उसे थिएटर का शौक है). खैर साहब, थिएटर काफी बड़ा है- नाटक शुरू हो गया है। सब लोग इस नाटक का लुत्फ उठाना चाहते हैं। फिर से आपको याद दिला दें कि आप एक बेहद हाई-फाई थिएटर में बैठे हैं-
सीन-1
दिल्ली देशवासियों की शान है और मैं दिल्ली की जान हूं...ये कहते कहते अक्षय कुमार मैदान में दर्शकों से रूबरू हो रहे हैं। मैदान में करीब 20-25 हजार लोग मौजूद हैं। इनमें से टिकट खरीद कर स्टेडियम पहुंचने वालों की तादाद तकरीबन आधी है। ये इंडियम प्रीमियर लीग है या क्रिकेट के नाम पर सर्कस...ये सवाल हर कोई पूछ रहा है- पर हर कोई आंखे फैला कर चेहरे पर मुस्कान के साथ अक्षय कुमार का स्टंट भी देख रहा है। बाउंड्री के बाहर लकड़ी के प्लेटफॉर्म बने हुए हैं- विदेशी कलाबाज उस पर साइकिल से कलाबाजियां खा रहे हैं- दर्शक तालियां बजा रहे हैं- वही दर्शक, जो पूछ रहे हैं कि ये क्रिकेट है या सर्कस...अब मैदान में चौका लगा है चीयर लीडर्स (परिभाषा- शरीर को हर जगह-हर तरीके से हिलाने की कला- कम उम्र- चेहरे पर मुस्कराहट और ढेर सारा मेकअप) डांस कर रही हैं- फैली हुई आंखे अब फटने लगी हैं...अब फिर तालियां बजने लगी हैं...इस बार भी दर्शक वही हैं जो जानना चाहते थे कि ये क्रिकेट है या सर्कस...वीरेंद्र सहवाग लगातार तीन गेंदों पर तीन चौके जमा चुके हैं- दर्शक तालियां बजा बजाकर पागल हुए जा रहे हैं...सहवाग चौथी गेंद पर बोल्ड हो गए हैं, दर्शक फिर ताली बजा रहे हैं। मैच खत्म हो गया है दिल्ली की टीम जीत गई है...प्रेस कॉन्फ्रेंस में खिलाड़ी आए हैं- किसी को लाखों मिले हैं किसी को करोड़ो...हर किसी को क्रिकेट का ये नया अवतार बड़ा पसंद आ रहा है- हर कोई तारीफ कर रहा है—हर कोई यानी खिलाड़ी...हर सवाल के जवाब में एक लाइन ज़रूर कही जा रही है कि ये कॉन्सेप्ट बेहतरीन है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी कुछ लोग तालियां बजा रहे हैं। वैसे उनके दिमाग में सवाल अब भी घूम रहा है कि ये क्रिकेट है या सर्कस... अब मुद्दे की बात.दिल्ली की जनता दो चीजें देखने के लिए सिर्फ पास चाहती है- पहली क्रिकेट दूसरी सर्कस. अब फायदा हो गया है- पब्लिक का फायदा- जागो ग्राहक जागो- अब साल में एक दो बार ही पुलिस महकमे वाले अपने रिश्तेदार को याद करने की जरूरत है- पास वो दिला देंगे और क्रिकेट और सर्कस देखने में ज्यादा फर्क तो अब रह नहीं गया है।
(पहला सीन खत्म दूसरे सीन से पहले मंच पर एक बोर्ड लाकर रखा गया है- 4 चार साल बाद- निर्देशक भी कहीं ना कहीं फिल्मों से प्रेरित हैं- होंगे भी, इसमें हर्ज क्या है)
सीन 2
नाटक दोबारा शुरू हो गया है. इस बार भी मंच पर एक ऑरकेस्ट्रा है. इस बार भी अक्षय कुमार एक सूत्रधार की भूमिका में हैं. रिंग में शेर खड़ा है- रिंग मास्टर का कोड़ा शेर के इर्द गिर्द सड़ाक सड़ाक की आवाज के साथ चल रहा है. पतली पतली कमर वाली कलाकार साइकिल चला रही है- जिमनास्ट कर रही है. इस बार तो साइकिल दो पहिए वाली नहीं- एक कोने में तीन-चार जोकर आपस में किसी बात के लिए झगड़ा कर रहे हैं. परदे के पीछे जादूगर अपनी टेबल सजाने में लगा है. अगला नंबर उसी का है. वो लड़की को चाकू से काट देगा- उसके हाथों में खून नहीं लगेगा- वो रंग बिरंगी कतरनों से तिरंगा झंडा बना देगा. वो पैसे दोगुना कर देगा- वो कुछ भी कर सकता है- बैकग्राउंड में गाना बज रहा है- खैर, अचानक अक्षय कुमार भारतीय टीम की क्रिकेट ड्रेस पहन कर प्रगट हो गए हैं. उनके हाथ में बैट है- बॉल भी. बैट को रखकर अब अक्षय ने माइक थाम लिया है. थोड़े बूढ़े लगने लगे हैं अक्षय- खैर, अक्षय दर्शकों को बता रहे हैं कि इससे पहले जादूगर पाशा अपना कारनामा दिखाएं- वो उन्हें कुछ बहुत खास दिखाना चाहते हैं. इस बार भी सर्कस की सारी सीटें भरी नहीं हैं- और आधे से ज्यादा लोग पास की बदौलत सर्कस देखने आए हैं. खैर, बड़ी बड़ी लाइटें बंद हो गई हैं. ऑरकेस्ट्रा के कलाकार जिस उंची जगह पर बैठे थे उसी के बगल से एक बड़ी स्क्रीन लग गई है. सन्नाटा छाया हुआ है, लोग समझ नहीं पा रहे कि इस स्क्रीन पर क्या होने वाला है. परदा बंद हो जाता है.
सीन- 3
मंच पर वापस रोशनी कर दी गई है. बड़ी स्क्रीन पर भारत पाकिस्तान के बीच ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के लीग मैच का आखिरी ओवर दिखाया जाएगा- ऐसी जानकारी छाप कर रखी गई है स्क्रीन पर. अचानक कॉमेंट्री शुरू हो जाती है- अक्षय कुमार कॉमेंट्री कर रहे हैं- पहले ही बता चुके हैं कि अपनी जवानी के दिनों में गेंदबाजी करते थे. गेंद है शांताकुमारम श्रीशांत के हाथों में क्रीज पर मौजूद है मिस्बाह उल हक़. आखिरी गेंद पाकिस्तान को जीत के लिए 1 रन चाहिए. श्रीशांत बॉलिंग रनअप से भागते हुए- श्रीशांत की अच्छी गेंद- मिस्बाह ने गेंद को कवर की दिशा में खेल दिया है, गेंद हरभजन सिंह के हाथों में उन्होंने थ्रो किया -श्रीशांत का सही निशाना और मिस्बाह रन आउट. भारतीय टीम झूम उठी है. धोनी सभी के गले लग रहे है. अब बॉल आउट होगा- भारत की तरफ से वीरू-भज्जी और उथप्पा ने सही निशाना लगा दिया है, पाकिस्तान की तरफ से हर कोई चूक गया है मैच भारत ने जीत लिया है. स्क्रीन पर लिख कर आ गया है शूटआउट एट डरबन. अक्षय कुमार एक बड़े से गुब्बारे में तिरंगा लहराते- मेरा नाम जोकर में राज कपूर सरीखी ड्रेस पहने आंखों से ओझल हो रहे है... सर्कस देखने आए दर्शक तालियां बजा रहे हैं. दर्शक बहुत खुश हैं. अब पहली बार किसी ने सवाल उठाया है हम सर्कस देखने आए हैं या क्रिकेट. परदा फिर बंद हो गया है
सीन-4
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के आला अधिकारियों की मीटिंग चल रही है. कुछ खास तैयारी है मीटिंग की. पत्रकारों की फोटो ऑप के लिए 5 मिनट का समय दिया गया है, हर कोई आपस में हंस हंस कर बात कर रहे हैं. करीब तीन दर्जन चैनलों के कैमरामैन एक दूसरे को धक्का दे-देकर क्लोज शॉट्स बना रहे हैं. कोशिश इस बात की भी है कि सचिव के हाथ में जो कागज है उसके शॉट्स भी ले लिये जाएं, शाम को एक्सकलूसिव की पट्टी के साथ चलाने के काम आएंगे. प्रिंट के फोटोग्राफर्स ने भी तस्वीरें कैद कर ली हैं. 5 मिनट हो चुका है. अब प्लीज प्लीज कहते हुए लगभग धक्का देकर कैमरामैन्स को बाहर किया जा रहा है. कैमरामैंस बाहर जा चुके हैं. रिपोर्टर ओबी वैन से लाइव दे रहे हैं- हर कोई यही बता रहा है कि शाम तक बीसीसीआई कोई बड़ा फैसला लेने वाली है. इंडियन प्रीमियर लीग के अगले संस्करण से जुड़ा कोई बड़ा फैसला हो सकता है. परदा बंद हो जाता है.
सीन- 5
चैनल का न्यूजरूम है. सवा चार बज रहे हैं. एसाइनमेंट डेस्क पर रिपोर्टर का फोन आया है, वो बता रहा है कि इस बार आईपीएल का प्रसारण फलां चैनल को दिया गया है- फोटो राइट्स फलां एजेंसी के पास हैं- इस बार फलां टीम के आइकन खिलाड़ी फलां होंगे. आम तौर पर साढ़े चार बजे दिखाया जाने वाला क्राइम का रिपीट टेलीकास्ट ड्रॉप हो गया है. बड़ी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज चल रही है. रिपोर्टर से एंकर ने सवाल दागा है- सोनल, बताएं और कौन कौन से बड़े फैसले हुए हैं इस मीटिंग में. सोनल बता रही है- देखिए राहुल, इन अहम फैसलों के अलावा बोर्ड के उपाध्यक्ष ने हमें ये भी बताया कि उन्हें ये जानकारी मिली थी कि कुछ सर्कस कंपनियां अपने शो हिट कराने के लिए अलग अलग आइटम के बीच में ट्वेंटी-20 क्रिकेट की झलकियां दिखा रही हैं- बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और तय किया है कि अब से ट्वेंटी-20 क्रिकेट के सर्कस राइट्स भी बेंचे जाएंगे. यानी अगर सर्कस के दौरान क्रिकेट दिखाना है तो उसके लिए बोर्ड को पैसे देने होंगे. एंकर ने रिपोर्टर का शुक्रिया अदा कर दिया है. रिपोर्टर बीसीसीआई के एक अधिकारी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के लिए उसके पीछे पीछे घूम रहा है. अधिकारी ये कह कर गाड़ी में बैठ रहा है कि अगली बार...फिर मुस्करा कर पूछ रहा है वैसे इस मामले में इंटरव्यू क्या देगा ये क्रिकेट थोड़े ही है ये तो सर्कस है...अधिकारी ने आंख मारी है. रिपोर्टर को अपना एक्सक्लूसिव इंटरव्यू हाथ से निकलता दिख रहा है. परदा धीरे धीरे बंद हो रहा है. परदा बंद हो चुका है. पूरी तरह बंद.

दर्शक ताली बजा रहे हैं- उन्हें भी समझ आ गया है कि वो सर्कस देख रहे हैं या क्रिकेट.

3 comments:

Sudhanshu said...

Its really hard to decide whether it needs a laughter or a smirk for the situation which the Circus...oops the Cricket is going through...you shldnt have missed though the SLAPGATE...that wld have been the TOPPER in the highly displayed...well followed Circus...brilliant work...

Sudhanshu said...

The author may need to come out of the stats mode as they do not tell everything...The pressure(expectations) and the situations both the players played during there respective 120 ODI's and initial 3 years were entirely different. When Sachin joined the team,the stalwarts were at the downhill and the expectations on him from the 1st match he played against Pakistan was very high whereas Dhoni joined a team with Sachin,Saurabh,Dravid,Laxman,Kumble if not at the peak but surely a FORCE in world cricket. Dhoni was expected to come BAM BAM for last few overs and was initially looked as a KEEPER who can bat a cameo however, Scahin was expected to win the matches singlehandedly for India. He may not have done in many though...Dhoni arrived on a stage when India had beaten England, Australia, South Africa convincingly and had become a force in World Cricket(Thanks to Saurav Ganguly)however on Sachin's arrival they were still beckoning for a place in TOP teams if NOT Considered as menows...

Having said all that, Mahinder Singh Dhoni is the face of Indian Cricket now and would take Indian cricket team to the next level with his able captaincy and batting skills.

Pallavi said...

sahi kaha.....yeh cricket nai hai....yeh keval circus hai...par cricket ki baadkismati dekhiye ki aaj uske apne khiladi usse bhool rahe hai....bhool rahe hai ki test cricket jaan hai iss khel ki...
Aaj ki iss bhagti hui duniya mai naa hi logon ke paas iss khel ko dekhne ke liye waqt hai...aur shayad na hi khelne walo ke paas...tabi to khiladi bi 20-20 mai ruchi le rahe hai...woh bi aaj paise dilane wali iss circus ke joker banne mai dilchaspi rakhte hai...
Saath hi unhe yeh maalal nai hota ki woh pradarshan nai kar pa rahe..balki yeh ki dusre khiladi ko IPL mai chand lakh rupee zyada kaise mil gaye...
ISS CIRCUS MAI KEVAL PAISE BOL RAHA HAI.....PAISA KHEL RAHA HAI.... AUR PAISA NACHA RAHA HAI....