Thursday, September 25, 2008
धोनी में तेंडुलकर की शक्ल देखिए...मजा आएगा
मैं ये पहले ही साफ कर देता हूं कि मैं ये कत्तई नहीं कह रहा कि महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर से बड़े खिलाड़ी हैं। मैं सिर्फ ये कह रहा हूं कि क्या धोनी के नाम पर हमें वाकई आधुनिक क्रिकेट में एक बहुत बड़े कद वाला खिलाड़ी मिल गया है...जिसकी पहचान अभी हम ठीक से नहीं कर पाए हैं...एक से एक कारनामे करता जा रहा है ये खिलाड़ी- कहीं इतनी आगे जाने वाला खिलाड़ी न बन जाए, जो फिलहाल हमारी कल्पना से बाहर है। लिहाजा एक बार फिर समझने की कोशिश करते हैं इस खिलाड़ी के व्यक्तित्व और कारनामों को...
मैं नया नाम दे रहा हूं...
आधुनिक क्रिकेट का नया तेंडुलकर-महेंद्र सिंह धोनी
ये बात मैं यूं ही नहीं कह रहा...इसकी गवाही देते हैं आंकड़े और उनकी उपलब्धियां
अपने 3 साल और 9 महीने और 120 वनडे के करियर में धोनी बना चुके हैं 3793 रन...उनकी औसत है 47.41 की...उनका स्ट्राइक रेट है 91.31 का...उनके नाम हैं 4 शतक...24 अर्धशतक...
(ये आंकड़े सितंबर के तीसरे हफ्ते तक के हैं)
अब हम आपको बताते हैं सचिन तेंडुलकर के आंकडे, वो आंकड़े जो सचिन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने के ठीक 120 वनडे के बाद के हैं..
सचिन तेंडुलकर ने 120 वनडे मैचों के बाद बनाए थे 4205 रन...सचिन की औसत थी 40.04...सचिन का स्ट्राइक रेट था- 82.11, 9 शतक और 26 अर्धशतक थे सचिन के खाते में...
आपकी सुविधा के लिए हम इन आंकड़ों को एक साथ बताते हैं- करियर में धोनी बना चुके हैं 3793 रन, सचिन के हैं 4205 रन...सिर्फ 412 रन ज्यादा...धोनी की औसत सचिन से काफी ज्यादा है 47.41 की...उनका स्ट्राइक रेट भी है सचिन से काफी आगे 91.31 की...शतक के मामले में वो सचिन से पीछे हैं- उनके नाम हैं 4 शतक...यानी 5 शतक कम...पर अर्धशतक करीब करीब बराबर...धोनी ने लगाए हैं 24 अर्धशतक...
120 वनडे बाद सचिन धोनी
मैच 4205 3793 (-412)
औसत 40.4 47.41 (+7.37)
स्ट्राइक रेट 82.11 91.31 (-9.20)
शतक 9 4 (-5)
अर्धशतक 26 24 (-2)
और इसके साथ साथ है धोनी की ये उपलब्धियां...
आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द इयर
आपको पता ही होगा कि ये अवॉर्ड पाने वाले वो पहले भारतीय खिलाड़ी है.. इसके अलावा धोनी आईसीसी की वनडे रैंकिंग में नंबर एक की पायदान पर भी राज कर रहे हैं...
अवॉर्ड के मामले में भी कहानी कुछ ऐसी ही है
120 वनडे खेलने के बाद सचिन के करियर में आए थे कुल 15 मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड और 3 मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड। धोनी के खाते में हैं 9 मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड और 3 मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड
120 वनडे खेलने के बाद सचिन धोनी
मैन ऑफ द मैच 15 9
मैन ऑफ द सीरीज 3 3
एक और दिलचस्प आंकड़ा देखिए। 3 साल और 9 महीने के करियर के बाद सचिन कहां खड़े थे...इस कसौटी पर हम सचिन की तुलना धोनी से इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि उस जमाने में मैच काफी कम होते थे- अब काफी ज्यादा...सचिन ने 3 साल और 9 महीने में खेले थे 59 वनडे। बनाए थे 1581 रन। उनके नाम तब तक कोई शतक नहीं था।
धोनी को आधुनिक क्रिकेट का तेंडुलकर हम एक और वजह से कह रहे हैं...धोनी ने अपने बल्ले से जो कमाल किया है- उसके साथ साथ विकेट के पीछे जो धमाल किया है, उसका जिक्र भी ज़रूरी है। धोनी ने अपने करियर में 121 खिलाड़ियों को विकेट के पीछे लपका है- और 36 खिलाड़ियों को स्टंप किया है...और अब बात बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की...
एक हैं महेंद्र सिंह धोनी...
एक थे सचिन तेंडुलकर...
धोनी उन गिने चुने खिलाड़ियों में से है, जिन्होंने कप्तानी संभालने के बाद भी अपनी रन औसत को बचाए रखा है...बल्कि धोनी तो एक कदम आगे हैं...कप्तानी संभालने के बाद उनकी रन औसत में हुआ है इज़ाफा...
कप्तानी संभालने से पहले धोनी की औसत थी 44.23 की, कप्तानी संभालने के बाद उनकी औसत है 54.83 की
अब कप्तानी संभालने के बाद सचिन तेंडुलकर की औसत का जायजा लीजिए।
बतौर बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर की औसत 45.74 है... पर कप्तानी संभालने के दौरान सचिन की औसत गिरकर 37.75 पर पहुंच गई थी
ये बात हर कोई जानता है कि सचिन तेंडुलकर के करियर में कप्तानी एक बुरे ख्वाब की तरह है। शायद इसीलिए एक बार कप्तानी छोड़ने के बाद दोबारा जब भी उनके पास ये प्रस्ताव आया उन्होंने हामी नहीं भरी...
बतौर कप्तान सचिन की कामयाबी का प्रतिशत था 31.5, जबकि धोनी उनसे काफी आगे हैं। धोनी की कामयाबी का प्रतिशत है- 52.8
एक और आंकड़ा आपको बताते चलें। जो धोनी की काबिलियत का सबूत है। बतौर कप्तान धोनी ने विकेट के आगे और विकेट के पीछे दोनों जगह किया है कमाल।
धोनी ने कप्तानी के दौरान 46 कैच और 16 स्टंपिंग भी की है। यानी कुल 62 शिकार किए हैं धोनी ने विकेट के पीछे रहते हुए।
देखा जाए तो शुरू शुरू में धोनी के लिए भी कप्तानी का ताज कांटों भरा ही था। राहुल द्रविड़ ने अचानक कप्तानी छोड़ दी थी। चयनकर्ता इस कशमकश में थे कि वो यू-टर्न लेते हुए सौरभ गांगुली या सचिन तेंडुलकर को कप्तानी के लिए तैयार करें- या चुनें कोई नया नाम...सचिन ने ये जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया, सौरभ पर आम राय नहीं बनी- लिहाजा धोनी को मिल गई टीम इंडिया की कमान....एक ऐसी टीम की कमान जिसमें सदी के एक दो नहीं 3-3 महानायक और टीम इंडिया के 3-3 पूर्व कप्तान शामिल थे...सचिन तेंडुलकर- सौरभ गांगुली और राहुल द्रविड़। पर धोनी ने सोच समझ के साथ कप्तानी के रास्ते पर कदम बढ़ाया.. कामयाबी मिली... तो फिर टीम में नए चेहरों की वकालत शुरू की...दब्बू कप्तान बनने की बजाए धोनी ने चयनकर्ताओं के सामने अपनी बात को मजबूती से रखा। धोनी लगातार नतीजे दे रहे थे...लिहाजा चयनकर्ताओं को भी धोनी की बात माननी पड़ी...धोनी का प्रदर्शन-धोनी का अंदाज ये बता रहा है कि टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर सुनहरी है।
और क्या चाहिए आपको आधुनिक क्रिकेट के सचिन तेंडुलकर से...सब कुछ तो दिया है धोनी ने...भई पिछले 2 दशक में क्रिकेट बदल गया है...थोडा बहुत नहीं-पूरी तरह से, खेल अब भी गेंद और बल्ले का ही है...पर छोड़िए बहुत लंबी खींच जाएगी कहानी...बस यूं मान लीजिए बदलते क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर भी बदल गया है...21वीं सदी में धोनी में तेंडुलकर की शक्ल देखिए...मजा आएगा
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1 comment:
आपने सही कहा है। लेकिन सचिन ने 19 साल खेलने के बाद भी जो मुकाम बरकरार रखा है धोनी के लिए उसे बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा
वैसे सचिन किसी भी तुलना से आगे हैंा
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